Rakesh jhunjhunwala biography hindi song
राकेश झुनझुनवाला जीवनी Rakesh Jhunjhunwala memoirs in hindi राकेश झुनझुनवाला भारतीय शेयर मार्केट के किंग और वॉरेन बफे ऑफ इंडिया के नाम से प्रसिद्ध है। इन्होंने ₹ से शुरुआत की थी और आज के समय में करीब करोड़ के मालिक बन चुके हैं। आज राकेश अपने अकेले के दम पर मार्केट में उथल-पुथल करवा सकते हैं क्योंकि बहुत सारे इन्वेस्टर उन्हें के नक्शे कदम पर बाजार में अपना दाव लगाते हैं। उन्होंने अपनी सटीक स्ट्रेटजी से खुद को इस मुकाम पर ला खड़ा किया है। उन्हें भारत के सबसे धनी व्यक्तियों में शामिल किया जाता है। मौजूदा समय में वह भारत के 53 सबसे धनी व्यक्ति है।
राकेश झुनझुनवाला का जन्म 5 जुलाई को मुंबई के एक मारवाड़ी परिवार में हुआ था। उनके पिता एक इनकम टैक्स ऑफिसर थे, जिन्हें शेयर मार्केट में भी काफी रूचि थी। वह अक्सर अपने दोस्तों के साथ शेयर से संबंधित बातें करते रहते थे। एक दिन करीब 14 साल की उम्र में राकेश ने अपने पिता से पूछा कि पापा शेयर मार्केट क्या होता है?
Piramide de hans kelsen juridicoतब उन्होंने कहा कि बेटा शेयर मार्केट को समझना इतना आसान नहीं है। न्यूज़पेपर पढ़ा करो, उसमें हर रोज अलग-अलग कंपनियों के बारे में जानकारियां दी होती है। शेयर मार्केट में पैसा इन्वेस्ट करने से पहले हमें कंपनी के उतार-चढ़ाव को जानना चाहिए। राकेश झुनझुनवाला की शेयर मार्केट से संबंधित अपने पिता की यह पहली सीख थी।
धीरे-धीरे उम्र बढ़ने के साथ ही साथ राकेश झुनझुनवाला की रुचि शेयर मार्केट में बढ़ने लगी। अपने पिता के कहे अनुसार वह अलग-अलग कंपनियों की न्यूज़ से अपडेट रहने लगे। जब उन्हें ठीक-ठाक जानकारी हो गई, तब उन्होंने अपने पिता से शेयर मार्केट में आने की इच्छा जताई। उनके पिता ने उन्हें मना कर दिया और कहा कि पहले अपनी प्रोफेशनल पढ़ाई पूरी करो , उसके बाद तुम्हारा जैसा मन होगा वैसा करना।
राकेश झुनझुनवाला ने सिडेनहैम कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स एजुकेशन की पढ़ाई पूरी की। फिर में राकेश झुनझुनवाला चार्टर्ड अकाउंटेंट बन गए। राकेश ने अपनी प्रोफेशनल पढ़ाई पूरी कर ली थी। अब वह मार्केट में उतरना चाहते थे लेकिन उस समय तक उनके पास बाजार में इन्वेस्ट करने के लिए कुछ खास रकम नहीं थी। उन्होंने अपना पहला इन्वेस्टमेंट ₹ का किया तो उस समय बीएसई सेंसेक्स अंकों पर था, लेकिन उन्होंने अपना पहला बड़ा मुनाफा में कमाया।
राकेश झुनझुनवाला ने टाटा टी कंपनी के रुपए के, ₹43 प्रति शेयर के रेट से, शेयर खरीदें और फिर उसे सिर्फ 3 महीने बाद ही उन्होंने ₹ प्रति शेयर के रेट पर बेच दिए। जिसकी वजह से उन्हें ₹ का फायदा हुआ। उन्होंने अपने तेज दिमाग का इस्तेमाल करते हुए से के बीच करीब लाख रुपए कमाए और फिर अगले कुछ ही सालों में उनकी संपत्ति करोड़ों में हो गई।
सन उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। जब उन्होंने टाइटन कंपनी के छह करोड़ शेयर्स को ₹3 प्रति शेयर के हिसाब से खरीदा और उस शेयर का रेट अविश्वसनीय रूप से बढ़कर ₹ हो गया। जिस कारण राकेश दिलवाला को करीब 21 सौ करोड़ का फायदा हुआ। ऐसा नहीं है कि वह हमेशा फायदे में ही रहे हैं। उन्हें बहुत बड़े बड़े नुकसान भी उठाने पड़े ।
दिसंबर में उन्होंने जिन बड़ी कंपनियों में इन्वेस्ट किया था उनमें से ज्यादातर कंपनियों के शेयर काफी तेजी से गिरे, जिसकी वजह से उनके द्वारा इन्वेस्ट किए गए शेयर्स के रेट में भी 30% तक की गिरावट आई। लेकिन उन्होंने अपना दिमाग चलाते हुए फरवरी में ही उस नुकसान को पूरा कर लिया। अभी हाल ही में नोटबंदी की वजह से भी उन्हें काफी नुकसान हुआ था।
राकेश झुनझुनवाला ने उतार-चढ़ाव भरे सफर को तय किया और आज के समय में उनकी नेटवर्थ ₹ करोड़ है और वह आज भारत के 53 वे सबसे धनी व्यक्ति है। उनका एक ही मंत्र है बाय राइट एंड होल्ड टाइट मतलब सही शेयर खरीदे और उसे धैर्य के साथ होल्ड करें क्योंकि शेयर मार्केट में जल्दी बाजी दिखाई तो नुकसान होना पक्का है।
राकेश इन्वेस्टर होने के अलावा एप्टेक लिमिटेड और हंगामा डिजिटल मीडिया के चेयरमैन भी है। उन्होंने की एंड का इंग्लिश विंग्लिश और समिताभ नामक फिल्म को प्रोड्यूस भी किया।
राकेश जी ले अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर यह मुकाम हासिल कर लिया है, आज उन्हें किसी परिचय की जरूरत नहीं है। उनकी जिंदगी हम सभी के लिए एक प्रेरणा है, खासकर उन लोगों के लिए, जिन्हें लगता है कि पैसे के अभाव में वह सफल नहीं हो सकते।